16,000 से अधिक गीतों के महारथी P. Jayachandran का हुआ निधन: संगीत की दुनिया में शोक
भारतीय संगीत जगत के दिग्गज प्लेबैक सिंगर पी. जयचंद्रन (P. Jayachandran) का 9 जनवरी 2025 को 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और केरल के त्रिशूर स्थित अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

पी. जयचंद्रन का परिचय
पी. जयचंद्रन को उनके प्रशंसक प्यार से ‘भाव गायकन’ के नाम से जानते थे। उनकी आवाज में गहराई और भावनात्मक अभिव्यक्ति उन्हें अन्य गायकों से अलग बनाती थी।
- उनका जन्म 3 मार्च 1944 को कोचीन, केरल में हुआ।
- बचपन से ही उन्हें संगीत में गहरी रुचि थी।
- स्कूल और कॉलेज के दिनों में उन्होंने कई संगीत प्रतियोगिताएं जीतीं।
संगीत करियर
पी. जयचंद्रन ने अपने करियर में 16,000 से ज्यादा गाने गाए।
- उन्होंने मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, और हिंदी भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए।
- वे जी. देवराजन, एम. एस. बाबुराज, इलैयाराजा, और ए. आर. रहमान जैसे मशहूर संगीतकारों के साथ जुड़े।
- 1986 में, उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- उन्हें केरल और तमिलनाडु सरकार से कई पुरस्कार मिले।
- 2020 में उन्हें मलयालम सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान जे. सी. डेनियल पुरस्कार मिला।
उनके गाए गाने “मलारम मनियेट्टु”, “आनंदा रागम” और “कन्नन ओरु काई कुंथाई” आज भी संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं।
निधन और श्रद्धांजलि
पी. जयचंद्रन का निधन त्रिशूर के एक अस्पताल में हुआ। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे जयचंद्रन ने शाम 7:55 बजे अंतिम सांस ली।
- उनके निधन से भारतीय संगीत जगत को गहरी क्षति हुई है।
- प्रशंसकों और संगीत जगत के दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
- उनके परिवार में पत्नी और बच्चे हैं।
संगीत के प्रति योगदान
पी. जयचंद्रन की आवाज और गायकी ने भारतीय संगीत को समृद्ध बनाया। उनकी मधुर आवाज ने लाखों लोगों के दिलों को छुआ। वे न केवल एक गायक थे, बल्कि संगीत में भावना लाने वाले कलाकार थे।
उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।
निष्कर्ष
पी. जयचंद्रन का जाना संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी आवाज हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेगी।
उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना।