Azaad movie review: इंसान और घोड़े की वो जोड़ी, जिसने गुलामी के खिलाफ बिगुल बजाया!

‘आज़ाद‘ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक जज़्बात है—एक घोड़े और इंसान के बीच की अनकही दोस्ती की कहानी, जो आज़ादी की कीमत समझाता है। 1920 के दशक की पृष्ठभूमि में बसी यह कहानी हमें विक्रम सिंह (अजय देवगन) के राजसी घोड़े ‘आज़ाद’ और एक साधारण लड़के गोविंद (आमन देवगन) की अविश्वसनीय यात्रा पर ले जाती है।
तो चलिए, इस फिल्म की गहराइयों में उतरते हैं और जानते हैं कि क्या यह फिल्म हमारे दिलों पर अपनी छाप छोड़ने में सफल होती है या नहीं!
Azaad की कहानी
‘आज़ाद’ 1920 के दशक के भारत में स्थापित एक ऐतिहासिक-ड्रामा फिल्म है, जो एक साधारण लड़के और एक असाधारण घोड़े की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है। फिल्म की कहानी गोविंद (आमन देवगन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक अस्तबल में काम करने वाला गरीब लड़का है। वह बचपन से ही एक सुंदर और शक्तिशाली घोड़े ‘आज़ाद’ से गहरा लगाव रखता है।
इस घोड़े का मालिक कोई और नहीं बल्कि राजसी बागी नेता विक्रम सिंह (अजय देवगन) है, जिनकी छवि एक क्रांतिकारी योद्धा के रूप में दिखाई गई है। विक्रम सिंह के नेतृत्व में कई स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन उनका सबसे बड़ा हथियार उनका वफादार घोड़ा ‘आज़ाद’ है, जो किसी भी लड़ाई में उनके साथ खड़ा रहता है।
हालांकि, किस्मत करवट लेती है, और विक्रम सिंह की अचानक मृत्यु हो जाती है। अंग्रेज़ उनके बागी संगठन को खत्म करने के लिए ‘आज़ाद’ को पकड़ने का प्रयास करते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि यह सिर्फ एक घोड़ा नहीं, बल्कि एक प्रतिरोध का प्रतीक है। इसी दौरान गोविंद और आज़ाद की अविश्वसनीय यात्रा शुरू होती है, जहां वह घोड़े को गुलामी से बचाने और उसे उसकी स्वतंत्रता दिलाने के लिए संघर्ष करता है।
क्या गोविंद अपने इस मिशन में सफल होगा? क्या ‘आज़ाद’ सच में आज़ादी पा सकेगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
कलाकारों का प्रदर्शन
1. अजय देवगन (विक्रम सिंह)
अजय देवगन का किरदार फिल्म की आत्मा है, लेकिन स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी सीमित है। उनकी एंट्री से लेकर उनकी बहादुरी तक, हर दृश्य में उनका दमदार अभिनय नजर आता है। हालाँकि, फिल्म के पहले घंटे में ही उनका किरदार समाप्त हो जाता है, जो उनके प्रशंसकों के लिए थोड़ा निराशाजनक हो सकता है।
2. आमन देवगन (गोविंद)
यह आमन देवगन की पहली फिल्म है, और उन्होंने एक मासूम लेकिन जुझारू किरदार को अच्छे से निभाया है। उनके चेहरे के एक्सप्रेशंस में इमोशन झलकता है, लेकिन कुछ जगह उनकी एक्टिंग थोड़ी कमजोर पड़ती है। उनकी और घोड़े ‘आज़ाद’ के बीच की बॉन्डिंग को काफी खूबसूरती से दिखाया गया है।
3. रशा ठडानी (जानकी)
जानकी के किरदार में रशा ठडानी एक बहादुर और स्वतंत्र विचारों वाली लड़की के रूप में उभरती हैं। वह गोविंद की मदद करती हैं और उसके संघर्ष का हिस्सा बनती हैं। उनकी और आमन की जोड़ी ताज़ा लगती है, लेकिन उनके दृश्यों को और प्रभावशाली बनाया जा सकता था।
4. मोहित मलिक (तेज बहादुर)
तेज बहादुर का किरदार फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मोहित मलिक ने एक चालाक, धूर्त और शक्तिशाली खलनायक के रूप में बेहतरीन अभिनय किया है। उनकी संवाद अदायगी और बॉडी लैंग्वेज प्रभावी है, जिससे उनका किरदार और भी मजबूत लगता है।
निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी
अभिषेक कपूर ने इस फिल्म को एक भव्य दृष्टिकोण के साथ निर्देशित किया है। फिल्म के दृश्य बहुत खूबसूरती से फिल्माए गए हैं, खासकर घुड़सवारी वाले सीक्वेंस। घोड़े और इंसान के रिश्ते को बहुत भावुक तरीके से दिखाया गया है, जिससे दर्शकों की आँखें नम हो सकती हैं।
कुछ शानदार दृश्य:
- विक्रम सिंह और ‘आज़ाद’ की एंट्री – धूल भरे मैदान में अजय देवगन का ‘आज़ाद’ के साथ गैलॉप करना एक आइकॉनिक मोमेंट लगता है।
- गोविंद और ‘आज़ाद’ की दोस्ती – धीरे-धीरे गोविंद और घोड़े के बीच बनने वाला रिश्ता बहुत ही प्यारा और विश्वसनीय लगता है।
- क्लाइमेक्स घुड़सवारी मुकाबला – यह दृश्य फिल्म का हाई पॉइंट है, जहाँ ‘आज़ाद’ को गुलामी से बचाने के लिए एक रोमांचक रेस होती है।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म का संगीत अमित त्रिवेदी ने दिया है, जो कहानी के अनुरूप है लेकिन बहुत प्रभावशाली नहीं कहा जा सकता। ‘आजादी की पुकार’ गाना जरूर जोश भर देता है, लेकिन बाकी गाने यादगार नहीं लगते। बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के रोमांच को बढ़ाने में सफल होता है।
फिल्म की कमजोर कड़ियाँ
- धीमी कहानी – फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है, जिससे दर्शकों का धैर्य टूट सकता है।
- अजय देवगन का सीमित रोल – फैंस उन्हें ज्यादा स्क्रीन टाइम पर देखना चाहते थे।
- संवादों की कमी – फिल्म में ऐसे दमदार डायलॉग्स की कमी है, जो लंबे समय तक याद रहें।
‘आज़ाद’ क्यों देखें?
- अगर आप ऐतिहासिक ड्रामा और जानवरों से जुड़ी भावनात्मक कहानियां पसंद करते हैं।
- अगर आप अजय देवगन के प्रशंसक हैं।
- अगर आप कुछ अलग और प्रेरणादायक देखना चाहते हैं।
क्यों न देखें?
- अगर आपको धीमी गति की फिल्में पसंद नहीं आतीं।
- अगर आप ज्यादा एक्शन और थ्रिल की उम्मीद कर रहे हैं।
निष्कर्ष
‘आज़ाद’ एक बेहतरीन विचार पर आधारित फिल्म है, जिसमें भावनाएं, दोस्ती, संघर्ष और आज़ादी का संदेश है। फिल्म में कुछ अविस्मरणीय दृश्य हैं, लेकिन इसकी धीमी गति और कमज़ोर स्क्रीनप्ले इसे और भी प्रभावी बना सकता था।
रेटिंग: 3.5/5 (Star)
अगर आप घोड़े और इंसान के रिश्ते को पर्दे पर देखना चाहते हैं, तो ‘आज़ाद’ एक अच्छी फिल्म हो सकती है। लेकिन अगर आप एक तेज़-तर्रार एक्शन फिल्म की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह थोड़ा निराश कर सकती है।
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