Hisaab Barabar Movie Review: आर. माधवन की शानदार एक्टिंग, लेकिन क्या कहानी में दम है?

Hisaab Barabar movie review (R madhvan)

Hisaab Barabar Movie Review: बॉलीवुड में हर साल कई क्राइम-थ्रिलर और सोशल ड्रामा फिल्में आती हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही दर्शकों के दिलों में जगह बना पाती हैं। ‘हिसाब बराबर’ (Hisaab Barabar) भी एक ऐसी फिल्म है, जो बैंकिंग सिस्टम और भ्रष्टाचार पर आधारित है। इस फिल्म में आर. माधवन (R. Madhavan), नील नितिन मुकेश (Neil Nitin Mukesh) और कीर्ति कुल्हारी (Kirti Kulhari) अहम किरदारों में हैं। लेकिन क्या यह फिल्म उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए, जानते हैं ‘हिसाब बराबर’ का पूरा रिव्यू!

फिल्म की कहानी (Hisaab Barabar Storyline)

फिल्म की कहानी राधे मोहन शर्मा (आर. माधवन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो भारतीय रेलवे में एक ईमानदार टिकट कलेक्टर हैं। वह अपनी सैलरी और बचत से एक मिडिल-क्लास लाइफ जी रहे हैं।

लेकिन एक दिन, जब वह बैंक से पैसे निकालने जाते हैं, तो उन्हें एक बड़ी धोखाधड़ी (Scam) का पता चलता है। उनका अकाउंट लाखों के लोन में डूबा हुआ दिखाया जाता है, जो उन्होंने कभी लिया ही नहीं!

जब वह बैंक से जवाब मांगते हैं, तो उनकी भिड़ंत होती है मिक्की मेहता (नील नितिन मुकेश) से, जो एक शातिर बैंक अधिकारी है। इसके बाद राधे की ज़िंदगी पूरी तरह बदल जाती है। वह इस सिस्टम के खिलाफ लड़ाई छेड़ देते हैं और सच सामने लाने के लिए संघर्ष करते हैं।

लेकिन क्या वह इस बैंकिंग घोटाले का पर्दाफाश कर पाएंगे? या फिर वह भी इस भ्रष्ट सिस्टम का शिकार बन जाएंगे? यही फिल्म की मुख्य कहानी है।

अभिनय (Acting & Performance)

🎭 आर. माधवन – जैसा कि उम्मीद थी, आर. माधवन ने एक बार फिर अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। उन्होंने ईमानदार और संघर्षशील आदमी का किरदार बखूबी निभाया है।

🎭 नील नितिन मुकेश – विलेन के रूप में नील नितिन मुकेश का रोल शानदार हो सकता था, लेकिन उनका किरदार ज्यादा गहराई वाला नहीं है। उनका परफॉर्मेंस ठीक-ठाक रहा।

🎭 कीर्ति कुल्हारी – फिल्म में कीर्ति कुल्हारी का रोल छोटा लेकिन दमदार है। हालांकि, उनके किरदार को और बेहतर लिखा जा सकता था

डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले (Direction & Screenplay)

निर्देशन (Director: Ashwini Dhir)

फिल्म के डायरेक्टर अश्विनी धीर (Ashwini Dhir) ने इस फिल्म को एक इंटेंस सोशल ड्रामा बनाने की कोशिश की, लेकिन कहीं-कहीं कहानी कमज़ोर लगती है

स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स

फिल्म का पहला हाफ (First Half) शानदार है, लेकिन दूसरा हाफ (Second Half) थोड़ा खिंचता हुआ लगता है।
कुछ डायलॉग्स अच्छे हैं, लेकिन कहानी में क्लाइमैक्स कमजोर रह गया।

म्यूजिक और तकनीकी पक्ष (Music & Technical Aspects)

🎵 संगीत (Music)
फिल्म का संगीत औसत दर्जे का है। कोई भी गाना यादगार नहीं है।

📽 सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग

  • कुछ सीन्स बहुत अच्छे फिल्माए गए हैं, लेकिन एडिटिंग में थोड़ी दिक्कत है।
  • थ्रिलर मूवी होने के बावजूद कुछ सीन स्लो लगते हैं।

फिल्म की खास बातें (What Works & What Doesn’t)

प्लस पॉइंट्स:

  • आर. माधवन की दमदार एक्टिंग
  • शुरुआत में कहानी का पकड़ना
  • भ्रष्टाचार और बैंकिंग घोटाले की दिलचस्प थीम

माइनस पॉइंट्स:

  • दूसरा हाफ कमजोर
  • विलेन का रोल ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं दिखाया गया
  • क्लाइमैक्स और बेहतर हो सकता था

‘हिसाब बराबर’ देखनी चाहिए या नहीं? (Final Verdict: Watch or Skip?)

अगर आप थ्रिलर और सोशल ड्रामा फिल्मों के फैन हैं, तो ‘हिसाब बराबर’ एक बार जरूर देख सकते हैं। लेकिन अगर आपको तेज-तर्रार, हाई-ऑक्टेन थ्रिलर पसंद है, तो यह फिल्म शायद आपको थोड़ी स्लो लगे।

रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)

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